वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग
११ मार्च २०१४
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा
पंक्ति:
कीट पतंग और ब्रह्मा भी चल गये
कोई न रहेगा अवसान|
~मीरा बाई
प्रसंग:
कीट पतंग और ब्रह्मा भी चल गये, कोई न रहेगा अवसान| इन पंकितियों से मीरा जी क्या कहना चाहतीं है?
तैंतिस कोटि देवता क्या वास्तित्त्व है?
देवी-देवता क्या स्वयं मनुष्य हैं?
देवियों और देवताओं को क्यों पूजा जाता है?
ब्रह्मा क्या है?
संगीत: मिलिंद दाते