आशा और कष्ट, दुख और तुलना || आचार्य प्रशांत (2018)

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वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग, पार से उपहार
२० जनवरी, २०१८
अद्वैत बोधस्थल, ग्रेटर नॉएडा

प्रसंग:
आशा माने क्या?
क्या सुख और दुःख दोनों एक ही चीज है?
सुख और दुःख के खेल को कैसे समझें?
हम हमेशा तुलना क्यों करते हैं?
हमें तुलना हमेशा उनसे क्यों होती है, जो हमसे ज़्यादा सफल होते हैं?
तुलना न करने के क्या उपाय हैं?
मन तुलना क्यों करना चाहताहै?

संगीत: मिलिंद दाते

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