वीडियो जानकारी:
मेरा तो जो भी क़दम है वो तेरी राह में है
के तू कहीं भी रहे तू मेरी निगाह में है
खरा है दर्द का रिश्ता तो फिर जुदाई क्या
जुदा तो होते हैं वो खोट जिनकी चाह में है
छुपा हुआ सा मुझी में है तू कहीं ऐ दोस्त
मेरी हँसी में नहीं है तो मेरी आह में है
मेरा तो जो भी क़दम है वो तेरी राह में है
के तू कहीं भी रहे तू मेरी निगाह में है
गीत: मेरा तो जो भी क़दम है
संगीतकार: मोहम्मद रफी
फ़िल्म: दोस्ती (१९६४)
बोल: मजरूह सुलतानपुरी
आचार्य प्रशांत
शब्दयोग सत्संग
३१ मई, २०१८
अद्वैत बोधस्थल,
ग्रेटर नॉएडा
संगीत: मिलिंद दाते