वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग
६ जुलाई २०१५
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा
प्रसंग:
क्या ग्रन्थों के साथ तर्क या बहस करना चाहिए?
ग्रन्थों का अध्ययन कैसे करें?
क्या अपने को समर्पित कर के ही ग्रन्थों को समझा जा सकता है?
ग्रन्थों के साथ सत्संग हो सकता है, तर्क या बहस नहीं