माँ-बाप तुम्हारी ही तरह आम हैं, उनसे विशिष्टता की उम्मीद अन्याय है || आचार्य प्रशांत (2013)

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वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग
२५ दिसम्बर २०१३
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा

प्रसंग:
ऐसा बच्चो को कोई सिखाया जाता हैं कि माँ-बाप परमेश्वर हैं?
कई ग्रन्थ भी उल्लेख क्यों करती है?
असली में माँ-बाप कौन है?
माँ-बाप तुम्हारी ही तरह आम हैं, उनसे विशिष्टता की उम्मीद अन्याय है

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