मैं आपकी बातों को जीवन में अपना क्यों नहीं पाता? || आचार्य प्रशांत, युवाओं के संग (2017)

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वीडियो जानकारी:

संवाद सत्र, ब्रह्मज्ञान विचार गोष्ठी
१९ नवम्बर २०१७
एम.आई.टी, मोरादाबाद

प्रसंग:
मैं आपकी बातों को जीवन में अपना क्यों नहीं पाता?
आचार्य जी आप के किताब कैसे पढ़े?
क्या ग्रन्थ को जीवन भर पढ़ना पड़ेगा?
सब संतों को पढ़कर भी जीवन में बदलाव क्यों नहीं आता?
संतों को पढ़ने के क्या लाभ है?
संतों को पढने का सही तरीका क्या?

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