वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग, पार से उपहार शिविर
१४ सितंबर, २०१९
अद्वैत बोधस्थल, ग्रेटर नॉएडा
प्रसंग:
राजविद्या राजगुह्यं पवित्रमिदमुत्तमम् ।
प्रत्यक्षावगमं धर्म्यं सुसुखं कर्तुमव्ययम् ॥9.2॥
भावार्थ : यह विज्ञान सहित ज्ञान सब विद्याओं का राजा, सब गोपनीयों का राजा, अति पवित्र, अति उत्तम, प्रत्यक्ष फलवाला, धर्मयुक्त, साधन करने में बड़ा सुगम और अविनाशी है॥2॥
अध्यात्म की दृष्टि में विज्ञान क्या है?
अध्यात्म ओर विज्ञान में क्या अंतर है?
ज्ञान ओर विज्ञान में क्या अंतर है?
क्या अध्यात्म विज्ञान से आगे की बात है?
संगीत: मिलिंद दाते