देवरीकलां (सागर) | देव श्री खण्डेराव का 10 दिवसीय अग्नि मेला साेमवार चंपा छठ से शुरू हाे गया। कई श्रद्धालु अंगारों पर चलकर निकले। मान्यता है कि मन्नत पूरी होने पर श्रद्धालु अंगारों पर से निकलते हैं। 15 वीं से 16 वीं सदी के बीच यहां निर्मित देव श्री खण्डेराव का प्राचीन मंदिर वास्तु कला की एक अद्भुत मिसाल है। मंदिर में एक विशेष छिद्र है, जिसमें साल में एक बार अगहन की छठ के दिन सूर्य की किरणें उस छिद्र के माध्यम से शिवलिंग के पांच पिंडों पर ठीक 12 बजे पड़ती हैं, तब लोग अग्निकुंड में से निकलते हैं।