।।जन्म जन्म लगी लगन हमारी, वरुं स्वयंभू या तो रहूं कुंवारी।।

SAGARIKA SHAKTI 2019-12-20

Views 129

कौन कहता है कि इन्द्रियों से पवित्र रहने वाले कुंवारे होते हैं?बल्कि नई रोशनी तो कुछ अलग ही बात बयान करती है।धूल के फूल,कीचड़ के कमल,कोयले के पहाड़ में हीरा या कहो अंधेरे में जुगनू के चमकने की कहावत ऐसे ही नहीं बनी होगी न...क्या रहस्य है उन बातों का?
Suniye सागरिका की यह रोशनी!

Share This Video


Download

  
Report form
RELATED VIDEOS