कौन कहता है कि इन्द्रियों से पवित्र रहने वाले कुंवारे होते हैं?बल्कि नई रोशनी तो कुछ अलग ही बात बयान करती है।धूल के फूल,कीचड़ के कमल,कोयले के पहाड़ में हीरा या कहो अंधेरे में जुगनू के चमकने की कहावत ऐसे ही नहीं बनी होगी न...क्या रहस्य है उन बातों का?
Suniye सागरिका की यह रोशनी!