सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ यानी सीडीएस होंगे। पीएम मोदी ने इस साल 15 अगस्त को इस पद का ऐलान किया था। तब से लेकर ये कयास लगाए जा रहे थे कि इस साल सेना प्रमुख के कार्यकाल से मुक्त हो रहे बिपिन रावत अगले सीडीएस हांेगे। सीडीएस सरकार के लिए वो इकलौता सैन्य अफसर होगा, जो सैन्य मामलों में सरकार को सलाह देगा। दरअसल, सरकार तीनों सेनाओं के कामकाज में तालमेल बैठाना चाहती है। 1999 के कारगिल युद्ध की समीक्षा करने वाली रिव्यू कमेटी ने पहली बार सीडीएस की जरूरत को लेकर सुझाव दिया था। जो सालों से अधूरा ही था।
अब सवाल ये बनता है कि अगर आर्मी चीफ, नेवी चीफ और एयरफोर्स चीफ हैं तो सीडीएस क्या काम करेगा।
- सीडीएस का सबसे पहला काम हाेगा- सेना के तीनों अंगों के लिए ऑपरेशन और फाइनेंस को लेकर तालमेल बैठाना। यानी सीडीएस तीन सेनाओं के ऑपरेशन और वित्तीय मामलों का ख्याल रखेगा।
- दूसरा सबसे महत्वपूर्ण काम होगा तीनों अंगों के लिए सैन्य उपकरणों की खरीदी। ये इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि रक्षा मंत्रालय में सेना के हथियार और उपकरणों की खरीदी को लेकर लेटलतीफी जगजाहिर है। अगर सीडीएस को इसकी जिम्मेदारी दी जाती है तो इस मामले में तेजी आने की उम्मीद है।
- 1999 की कारगिल रिव्यू कमेटी के सुझाव पर सीडीएस सरकार के लिए सैन्य मामलों में सलाह देने का काम भी करेगा। तीनों सेनाओं के लिए सीडीएस ही रक्षा मंत्री का मुख्य सैन्य सलाहकार माना जाएगा।
- वह रक्षा अधिग्रहण परिषद और रक्षा योजना समिति का सदस्य होगा। इसके अलावा वह तीनों सेनाओं के ऑपरेशन, लॉजिस्टिक, ट्रांसपोर्ट, ट्रेनिंग, सपोर्ट सर्विस, कम्युनिकेशन, रिपेयर एंड मेंटेनेंस आदि के बीच कॉर्डिनेशन के लिए जिम्मेदार होगा
- सीडीएस का मुख्य लक्ष्य सेना में स्वदेशी सैन्य उपकरणों के ज्यादा से ज्यादा उपयोग को बढ़ाना भी होगा