मौसम में ठंडक घुलते ही बढ़े सर्दी, खांसी, निमोनिया और अस्थमा के मरीज

Bulletin 2019-12-31

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पहले डेंगू ने स्वास्थ्य विभाग  के अधिकारियों को हलाकान कर रखा था, अब मौसम के बदलाव के चलते तापमान गिरने और ठंड बढ़ने से सर्दी, खांसी, निमोनिया, दमा और अस्थमा के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। सरकारी और निजी अस्पतालों में निमोनिया पीड़ितों की संख्या बढ़ने के साथ सर्दी, खांसी, जुकाम के मरीजों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मौसम में ठंडक घुलने की वजह से निमोनिया होने की संभावना काफी बढ़ जाती है, जिसकी वजह से मरीजों को सांस लेने में दिक्कत होती है और धुंध व कोहरे के कारण अस्थमा के मरीज ज्यादा प्रभावित होते हैं। बढ़ती ठंड को देखते हुए निमोनिया, अस्थमा और दमा वाले मरीजों को जहां ज्यादा सावधानी बरतना चाहिए, वहीं जिन मरीजों को 3 दिन से ज्यादा सर्दी, खांसी, जुकाम हो उन्हें तत्काल डॉक्टर से संपर्क कर अपने खून जांच करवाना चाहिए क्योंकि सर्दी और निमोनिया के मरीजों को स्वाइन फ्लू होने का खतरा बढ़ जाता है। डॉक्टरों के अनुसार सर्दी के मौसम में तापमान गिरने के कारण एच वन एन वन वायरस ताकतवर हो जाता है। स्वास्थ्य विभाग ने सर्दी, खांसी, बुखार और मलेरिया के मरीजों के लिए स्क्रीनिंग सेंटर की व्यवस्था की है। सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और डिस्पेंसरी के साथ निजी अस्पतालों में भी यह स्क्रीनिंग सेंटर हैं। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक छोटे बच्चों के साथ वृद्ध व्यक्तियों को भी ठंड के मौसम में ज्यादा सुरक्षा अपनानी चाहिए,क्योंकि इन्हें ही बीमारी अपना शिकार पहले बनाती है।

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