भारतीय वायुसेना सामिल होने से पहले ही तेजस ने वो कीर्तिमान रच दिया।
जिसका योगदान भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए काफी लाभदायक साबित होने वाला हैं।
भारतीय वायुसेना ने देश में निर्मित हल्के लड़ाकू विमान तेजस को खरीद कर दस हजार करोड़ रुपये बचाये है।
ये डील वायुसेना ने रक्षामंत्रालय के जरिये हिंदुस्तान एयरोनॉटिकल लिमिटेड से की।
नवंबर 2016 में ही वायुसेना ने 83 तेजस मार्क वन ऐ विमानों की खरीद को पचास हजार पचीस करोड़ रुपये में मंजूरी दी थीं।
जिसपर अंतिम समझौता चालीस हजार करोड़ रुपये का हुआ।
पिछली तय कीमत से करीब दस हजार करोड़ कम।
देश में ही हुए इस रक्षा सौदे पर अगर नजर डाले तो ये देश में हुए अब तक का सबसे बड़ा शवदेशी रक्षा सौदा भी है।