भारत को बदल देना चाहिए मुस्लिम आक्रांताओं के नाम

Webdunia 2020-01-13

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पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक और लेखक, पत्रकार, मुस्लिम विद्वान, राजनीतिज्ञ तारिक फतह ने वेबदुनिया से खास बातचीत में कहा कि अल्लाह के इस्लाम और मौलवियों के इस्लाम में काफी अंतर है। उन्होंने कहा कि इस्लाम में विकृतियां पैगंबर मोहम्मद साहब के इंतकाल के 200-250 वर्ष बाद आईं। दरअसल, मौलवियों द्वारा इस्लाम को गलत रिह से परिभाषित किया गया है। इस इस्लाम का पैगंबर के इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं है।

उन्होंने कहा कि मौलवियों ने सबसे ज्यादा इस्लाम का ठेका भारत में ही लिया है। यहां लोकतंत्र हैं और उन्हें वीटो प्राप्त है। पाकिस्तान जैसे देश में इस तरह के मौलवियों का तोड़ के रूप में दूसरे मौलवी मौजूद हैं, लेकिन भारत में ऐसा नहीं है।

तारिक फतह ने कहा कि भारत में ऐसे लोगों के नाम सड़कें और शहरों के नाम हैं, जिन्होंने यहां के लोगों को लूटा और पीटा। ऐसे लोगों के नाम बदले जाना चाहिए। गाजियाबाद का उदाहरण देते हुए फतह ने कहा कि गाजी उसे कहा जाता है कि जिसने काफिरों का कत्ल किया हो। ऐसे में इस तरह के नामों को ढोना नहीं चाहिए। चाहे फिर वह लोधी रोड हो या फिर औरंगजेब रोड।

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