राजनीति में कोई किसी का परमानेंट दोस्त या दुश्मन नहीं होता. शिवसेना के बाद लगता है ये कहावत राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के लिए भी सही साबित हो र ही है. ऐसा हम इसलिए कह रहे है क्योंकि मुंबई की सड़कों पर 23 जनवरी को होने वाले MNS महा अधिवेशन से पहले लगी होर्डिंग कुछ ऐसा ही इशारा कर रही हैं .