The Navratri festival is dedicated to the goddess. Worshiping the Goddess during this period has special significance. Devotees try to please the Goddess in many ways. Fasting and trying to live in a more sattvic way. The festival of Navratri is mainly celebrated twice. Which has Ashwin and Chaitra Navratri. The celebrations during Ashwin Navratri are quite large. Whereas Chaitra Navaratri is limited to worship only. Apart from this there are two more Navaratri, which are called Gupta Navaratri and it comes in the month of Pausha and Ashadh. This time Gupta Navaratri will be from 5 January to 03 February. Various forms of Goddess are worshiped daily in Gupta Navratri. Know which form of the goddess should be worshiped on Gupt Navratri
नवरात्रि उत्सव को देवी को समर्पित किया जाता है। इस दौरान देवी आराधना करने का विशेष महत्व होता है। भक्त देवी को अनेकों तरीके से प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं। उपवास करते हैं और ज्यादा से ज्यादा सात्विक तरीके से रहने की कोशिश करते हैं। मुख्य रूप से नवरात्रि का पर्व दो बार मनाया जाता है। जिसमें अश्विन और चैत्र नवरात्रि है। अश्विन नवरात्रि के दौरान जश्न का स्वरूप काफी बड़ा होता है। जबकि चैत्र नवरात्रि सिर्फ पूजा-पाठ तक सीमित रहती है। इसके अलावा दो नवरात्रि और होती है, जिनको गुप्त नवरात्रि कहा जाता है और ये पौष और आषाढ़ मास में आती है। इस बार गुप्त नवरात्रि 5 जनवरी से 03 फरवरी तक रहेगी।गुप्त नवरात्र में रोज देवी के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है। गुप्त नवरात्र में किस दिन देवी के कौन-से रूप की पूजा करें,
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