शामली: कैराना के बाजारों में साप्ताहिक बंदी कागजों तक सिमट कर रह गई है। व्यापारियों द्वारा मनमानी तरीके से साप्ताहिक बंदी का उल्लंघन कर दुकानें खोली जा रही है। बंदी में बाजारों के गुलजार रहने से श्रमिकों का शोषण किया जा रहा है। बावजूद इसके श्रम विभाग चुप्पी साधे हुए हैं। जिले के तत्कालीन डीएम ने कैराना के बाजारों में बुधवार को साप्ताहिक बंदी का अवकाश घोषित किया था। तभी से यह अवकाश चलता आ रहा है। वर्तमान में साप्ताहिक बंदी केवल नाम की रह गई है। बुधवार को साप्ताहिक बंदी के दिन बाजार पूर्व की भांति गुलजार नजर आए। मुख्य चौक बाजार सहित जोड़वा कुआं, पुराना बाजार आदि में दुकानें खुली रही। साप्ताहिक बंदी में दुकानें खुलने के कारण श्रमिकों को भी काम करना पड़ रहा है। इस वजह से उनका शोषण किया जा रहा है। श्रमिकों का कहना है कि वह सप्ताह में उन्हें एक दिन का अवकाश का समय मिलता है। लेकिन इसमें भी उन्हें अवकाश नहीं मिलने से वे अपनी जरूरत का काम भी नहीं कर पा रहे हैं। दूसरी ओर, श्रम विभाग से इससे अनजान बना हुआ है। मनमाने तरीके से दुकानें खोलने वाले व्यापारियों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है। कुल मिलाकर साप्ताहिक बंदी अब कागजों तक सिमट कर रह गई है।