यूटिलिटी डेस्क. तमाम कोशिशों के बाद भी देश में बैंक फ्रॉड रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। बजट सत्र में दी गई जानकारी के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2019-20 की पहली छमाही में बैंकों में 1.13 लाख करोड़ रुपए के फ्रॉड दर्ज किए गए हैं। बैंक फ्रॉड की यह अब तक सबसे अधिक धनराशि है। इंटरनेट बैंकिंग और ई-कॉमर्स ट्रांजैक्शन को सुरक्षित बनाने के लिए बैंक वर्चुअल कार्ड की सुविधा भी देते हैं। यह एक इलेक्ट्रॉनिक कार्ड या ई-कार्ड है, जिसका उपयोग ऑनलाइन खरीदारी के लिए किया जाता है। देश का सबसे बड़ा बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) भी अपने ग्राहकों के लिए वर्चुअल कार्ड उपलब्ध कराता है। जो वेबसाइट्स वीजा या मास्टरकार्ड को एक्सेप्ट करती हैं, वे सभी इस कार्ड को भी मंजूर करेंगी।
इसमें नहीं देनी होती अकाउंट की जानकारी
- यह ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करने के लिए आसान और सुरक्षित जरिया है जिसमें आपको व्यापारी को प्राइमेरी कार्ड या अकाउंट की जानकारी देने की जरूरत नहीं है। इससे किसी तरह की धोखाधड़ी होने की संभावना कम रहती है।
- एसबीआई का वर्चुअल कार्ड एक सिंगल यूज कार्ड है, जिसका आप केवल एक बार इस्तेमाल कर सकते हैं। इसे दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। एसबीआई के वर्चुअल कार्डधारक खरीदारी के समय भुगतान नेट बैंकिंग के जरिए कर सकते हैं।
- ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के लिए एसबीआई के वर्चुअल कार्ड को कार्डधारक के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर OTP भेजकर और उसे वेरिफाई करने के बाद ही ऑथराइज्ड किया जाएगा।
- यह कार्ड 48 घंटे के लिए वैध रहता है। वर्चुअल कार्ड के लिए न्यूनतम ट्रांजैक्शन 100 रुपए और अधिकतम ट्रांजैक्शन की सीमा राशि 50 हजार रुपए है।
- इस कार्ड में ग्राहकों के खाते की कुल जमा राशि नहीं जुड़ेगी, यानी इस कार्ड से अगर धोखाधड़ी होती भी है तो केवल इसमें रिचार्ज की गई राशि ही खतरे में पड़ेगी।
- कार्डधारक ऑनालइन ट्रांजैक्शन के लिए इस कार्ड को कई बार प्राप्त कर सकते हैं। कार्ड के कैंसल या एक्सपायर हो जाने पर जो राशि आपने खर्च नहीं की है, वह आपको वापस मिल जाएगी।