वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग, 22.9.19, अहमदाबाद, गुजरात, भारत
प्रसंग:
कबीरा खड़ा बजार में लिए लुकाठी हाथ,
जो घर जारे आपना, चले हमारे साथ ||
~कबीर साहब
~ संतों ने अपना घर जलाने को क्यों कहा?
~ संतों के साथ चलने के लिए क्या आवश्यक है?
~ हम संतों की पुकार को अस्वीकार क्यों कर देते हैं?
संगीत: मिलिंद दाते