गांव के विकास के लिए आने वाला धन किस तरीका से प्रधान और अधिकारी मिलकर हजम कर रहे हैं, जबकि गांव के लोग 21वीं सदी में भी गंदगी और दूषित पेयजल से बीमार होकर अपनी गाढ़ी कमाई इलाज पर खर्च कर रहे हैं। यह जो आप तस्वीरें देख रहे हैं यह तस्वीरें शाहजहांपुर के विकासखंड मिर्जापुर की ग्राम पंचायत कौंही की है। स्वच्छ भारत अभियान के तहत गांव की दशा और दिशा सुधारने के लिए गांव के विकास के लिए लाखों रुपए खर्च किया जा रहा है, किंतु शौचालय, पेयजल आदि की सुविधाएं ग्रामीणों के आसपास तक नहीं भटक रही हैं। स्वच्छ भारत अभियान के तहत सरकार गांव को खुले में शौच मुक्त करने की बात कर रही है तो वहीं आप तस्वीरों में साफ-साफ देख रहे हैं वह किस तरीका से महिलाएं खुले में शौच करने के लिए मजबूर है। वही गांव में विकास की बात की जाए तो यहां किस तरीका से कीचड़ युक्त गलियों से ग्रामीणों का निकलना मुश्किल हो जाता है। विकास के नाम पर प्रधान और सेक्रेटरी ने गांव की गलियों में खड़ंजे के नाम पर एक ईंट तक नहीं लगाई है। सुनिए ग्रामीणों की जुबानी विकास की कहानी।