हरदोई शहरो की तर्ज पर गांवों की साफ-सफाई के लिए सरकार द्वारा सफाई कर्मियों की नियुक्ति की गई। जिसके एवज में उन्हें हर महीने पगार के रुप में एक मोटी रकम दी जा रही है। इसके बाबजूद गंदगी से पटी पड़ी गांवों की गलियों और नालियों की सफाई ग्रामीण खुद करने के लिए मजबूर है। भरखनी ब्लॉक की ग्रमपंचायत जमालपुर के ग्रामीणों बताया कि ईद के चांद बने सफाई कर्मी की लापरवाही की वजह से गांव की गलियों में लगे कूड़े करकट के ढेर गंदे पानी और मिट्टी से रदी पड़ी नालियों से उठती दुर्गंध के बीच नारकीय जीवन जीने को विवश संक्रमण बीमारी फैलने के डर की वजह से हम लोग अपने अपने मकान के सामने खुद सफाई करने को मजबूर हैं और गांव में तैनात सफाई कर्मी ब्लॉक के बाबुओं से लेकर ग्राम प्रधान जी हुजूरी करने में व्यस्त रहता है। गांव के परिषदीय स्कूल में सफाई कर्मी की जगह अक्सर बच्चें झाड़ू लगाते नजर आते हैं। जिसको लेकर ग्रामीणों द्वारा कई बार ब्लॉक से लेकर प्रधान तक से शिकायत की गई, लेकिन ग्रामीणों की बात को अनसुना करने के आदी पंचायत राज विभाग के अधिकारी व प्रधान सुनीता देवी के काले कारनामो का काला चिट्ठा खोलते हुए ग्रामीणों ने बताया कि प्रधान द्वारा ठेके पर करीब 1 वर्ष पहले बनवाए गए अधूरे शौचालय अभी भी सीट छत और दरवाजे का इंतजार कर रहे हैं।