अयोध्या में लॉकडाउन के नियमों को तोड़ने वाले और अनावश्यक सड़कों पर बाइक से घूम रहे लोगों को पुलिस ने रोककर पूछताछ करते हुए फटकार लगाई। वहीं दूसरी ओर अघोषित कर्फ्यू ने दिहाड़ी मजदूरों और गरीबों की मुसीबतों में इजाफा कर दिया है। नवरात्रि व्रत पर्व का दिन होने के बावजूद किसी भी माता के मन्दिर के कपाट भक्तों के लिए नहीं खुले। शहर में रोजी-रोटी के लिए आये दिहाड़ी मजदूर का कामकाज ठप्प हो जाने के बाद उनके सामने आजीविका का जबरदस्त संकट आ गया है। असुरक्षित स्थान पर निवास कर रहे मजदूरों ने अपने घरों की ओर पैदल ही प्रस्थान करना शुरू कर दिया। कोरोना संक्रमण के फैलते प्रसार ने भी मजदूरों की नींदे उड़ा डाली है। अधिकांश मजदूरों का मानना है कि वह अपने गांव के घरों में जहां इस महामारी से सुरक्षित रहेंगे वहीं सकून की दो रोटी उन्हें मिलते रहेगी यहां रहने पर तो भूंखों मरने की नौबत आ गयी है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों को दिये संदेश में जैसे ही 21 दिन का लॉकआउट जिसे उन्होंने कर्फ्यू जैसा ही पूरे देश में लागू करने की घोषणा किया वैसे ही आमजनों की घबराहट तेज हो गयी। वाहनों के परिचालन को पहले ही बंद कर दिया गया था और लम्बे समय तक बंद रहने की सम्भावना को लेकर यात्री वाहन मालिकों और चालकों के पेशानियों पर बल चढ़ गया। दूसरी ओर पुलिस ने भी अघोषित कर्फ्यू को सफल बनाने की रणनीति को अन्तिम रूप देना शुरू कर दिया है। सुबह से ही पुलिस की रणनीति दिखाई पड़ने लगी। पुलिस ने ध्वनि विस्ताकर यंत्रों से लोगों को सड़क पर न घूमने और अपने-अपने घरों में चले जाने की हिदायत देना शुरू कर दिया।