अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA का कहना है कि उसे भारतीय चंद्रयान-2 ( Chandrayaan-2 ) विक्रम लैंडर ( vikram lander ) का मलबा मिल गया है. यह बीते 6 सितंबर को लॉन्च के बाद से गायब था। इसके साथ ही उस जगह की पहचान हो गई, जहां विक्रम लैंडर दुर्घटना का शिकार हुआ था। सबसे ख़ास बात ये है कि इस पूरे घटनाक्रम के बारे में जानकारी एक भारतीय इंजीनियर शनमुगा सुब्रमण्यम ( Shanmuga Subramanian ) ने दी. उनका दावा है कि उन्होंने ख़ुद लूनर रिकनाइसांस ऑर्बिटल कैमरे से फ़ोटोज़ डाउनलोड की है। NASA और एरिज़ोना स्टेट यूनिवर्सिटी ने इसकी पुष्टि की है कि सुब्रमण्यम ने ही मलबे के बारे में जानकारी जुटाई है. वैज्ञानिक जिस विक्रम लैंडर को खोज रहे थे, सुब्रमण्यम ने उसकी सटीक जानकारी दी।सुब्रमण्यम ने बताया कि , जब से विक्रम लैंडर खोया था, मैं उसकी तलाश में था। मुझे हमेशा से अंतरिक्ष विज्ञान का शौक रहा है. मैंने कभी भी कोई लॉन्च नहीं छोड़े हैं. ऐसे में विक्रम लैंडर की तलाश करने में मुझे बहुत मेहनत करनी पड़ा. हालांकि, वह अपनी सफलता से काफ़ी खुश दिखाई दिए। NASA ने कहा, एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी के LROC ने 17 सितंबर को ली गई तस्वीरों से एक धुंधली तस्वीर बनाई. उसका अंदाजा था कि ये दुर्घटनास्थल की हो सकती है. सुब्रमण्यम ने मलबे की सकारात्मक पहचान के साथ LROC प्रोजेक्ट से संपर्क किया. यूनिवर्सिटी का कहना है कि मलबा दुर्घटनास्थल 70.8810 डिग्री साउथ, 22.7840 डिग्री ईस्ट और 834 मीटर ऊंचाई पर स्थित है। इसके बाद LROC की टीम ने पहले और बाद की तस्वीरों की तुलना करके इसकी पहचान की पुष्टि की. सुब्रमण्यम द्वारा दी गई सूचना पर LROC टीम ने नए मोजाइक्स में आसपास के क्षेत्र की तलाशी ली और दुर्घटना के मलबे को देख लिया।