मध्यप्रदेश में सियासी संकट के बीच नया और बड़ा मोड़ आ गया है। मध्यप्रदेश की सत्ता पर काबिज कमलनाथ ने इस्तीफे का एलान कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने स्वीकारा कि 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद कमलनाथ सरकार के पास बहुमत नहीं था। वैसे आज शाम को फ्लोर टेस्ट होना था। लेकिन उससे पहले ही कमलनाथ ने इस्तीफे का एलान कर दिया। वैसे कमलनाथ की प्रेसकांफ्रेंस से पहले ही कयास लगने शुरू हो गए थे कि वे इस्तीफे का एलान कर सकते हैं, क्योंकि उससे पहले दिग्विजय सिंह ने संकेत दे दिए थे कि सरकार के पास बहुमत नहीं है। कमलनाथ ने पहले उस दिन को याद किया जब मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी और वह मुख्यमंत्री बने। इसके बाद उन्होंने इस्तीफे का ऐलान किया और उठकर चले गए। इस दौरान कमलनाथ ने अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनवाया। उन्होंने बताया कि इन 15 महीनों में उनकी सरकार ने क्या-क्या काम किए। उन्होंने कहा कि इन 15 महीनों में उन्होंने प्रदेश की तस्वीर बदलने की पूरी कोशिश की। हमेशा विकास में विश्वास रखा।कमलनाथ ने कहा कि इन 15 महीनों में भाजपा ने लगातार मेरे खिलाफ साजिश की। भाजपा पहले दिन से साजिश कर रही थी और आज हमारे 22 विधायकों को कर्नाटक में बंधक बनाकर रखा हुआ है। भाजपा ने करोड़ों रुपयों का खेल खेला है। प्रदेश की जनता के साथ धोखा करने वाले इन लोगों को जनता कभी माफ नहीं करेगी। हमने इन 15 महीनों में मिलावटमुक्त सरकार बनाने की कोशिश की।