"एक बार फिर निर्भया केस के दोषियों की फांसी टल (Death penalty postponed) गई है। निर्भया के लिए न्याय का इंतजार कुछ और बढ़ गया है। हालांकि, निर्भया की मां आशा देवी ने कहा है कि उन्होंने हार नहीं मानी है और दोषियों को फांसी होने तक इसी तरह लड़ती रहेंगी (will fight, hope alive)। तीसरी बार फांसी की तारीख टलने से नाराज आशा देवी (Asha devi) ने कहा कि पूरा सिस्टम दोषी है और अदालतें भी ड्रामा देख रही हैं। पूरी दुनिया देख रही है कि भारत में न्याय में किस तरह देरी की जा रही है। पवन की दया याचिका (mercy petition) राष्ट्रपति (president) के सामने लंबित होने की वजह से पटियाला हाउस कोर्ट (Patiala house court) ने सोमवार को फांसी की सजा पर अगले आदेश तक रोक लगा दी। कोर्ट के फैसले के बाद आशा देवी ने सिस्टम की खामी पर सवाल उठाया। साथ ही यह भी दोहराया कि उन्होंने आर नहीं मानी है। आशा देवी ने कहा, 'कोर्ट अपने ही आदेश के पालन में इतना समय क्यों ले रहा है? बार-बार फांसी की सजा का टलना हमारे सिस्टम की असफलता को दिखाता है। हमारा पूरा सिस्टम अपराधियों को सपॉर्ट करता है। पूरी दुनिया देख रही है कि भारत में न्याय में किस तरह देरी की जा रही है।' उन्होंने हार तो नहीं मानी है? इस सवाल के जवाब में निर्भया की मां ने कहा कि उन्होंने हार नहीं मानी है और जब तक दोषी फांसी के फंदे पर नहीं लटक जाते वह लड़ती रहेंगी।
निर्भया के चारों दोषियों की फांसी एक बार फिर टल गई है। निर्भया गैंगरेप मर्डर केस के चारों आरोपियों में से एक पवन की दया याचिका राष्ट्रपति के सामने लंबित होने की वजह से पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों की फांसी पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। पूर्व आदेश के मुताबिक चारों को कल 3 मार्च को सुबह 6 बजे फांसी होनी थी। इसके पहले दोषियों के वकील ने फांसी को रोकने के लिए मीडिया से बातचीत में तमाम तरह की दलीलें पेश की। उन्होंने जेसिका लाल मर्डर केस से लेकर पुलवामा केस तक का जिक्र करते हुए पूछा कि उनके दोषियों को फांसी कब दी जाएगी। तीसरी बार फांसी की तारीख टलने के बाद आशा देवी ने कहा, 'मैं हर दिन उम्मीद खोती हूं, लेकिन दोषी फांसी पर लटकाए जाएंगे, वे चाहे जो कर लें। मैं हर दिन उम्मीद खोती हूं, लेकिन फिर खड़ी होती हूं। उन्हें फांसी देनी होगी। निर्भया से अधिक बर्बरता नहीं हो सकती है, लेकिन मैं अब भी न्याय के लिए संघर्ष कर रही हूं। अदालतें बैठी हैं और ड्रामा देख रही हैं।'"