चीन में कोरोना वायरस का कहर जारी है और इससे मरने वालों की संख्या हर रोज बढ़ती जा रही है। रविवार को इससे सर्वाधिक 97 लोगों के मरने की खबर है। अब तक सामने आए आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इससे मरने वालों की संख्या कल तक हजार के भी के पार हो चुकी होगी। यह संख्या लगभग 20 साल पहले देश में फैले SARS Virus के कारण हुई मौतों से बहुत अधिक है। सार्स वायरस 2003 में फैला था और दो दर्जन से अधिक देशों में इसके मरीज पाए गए थे। इसके चलते 774 लोगों की जान गई थी। रविवार को कोरोना वायरस से 97 मौतें हुईं, जिसके बाद इस वायरस से मरने वालों की संख्या 908 पर पहुंच गई। वहीं 40 हजार से ज्यादा लोगों के इससे संक्रमित होने की खबर है। इसके इलाज को लेकर अब तक जो भी खबरें आईं हैं उससे ये साफ है कि फिलहाल इसके उपचार में अब तक कोई दवा सफल नहीं हुई है। एचआईवी, सार्स या इबोला के वैक्सीन से इसके इलाज की सभी तरीके आजमाए गए हैं पर कोई इलाज सफल नहीं हुआ है। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि इसके संक्रमण में आने वाला व्यक्ति मर ही जाएगा। इसके संक्रमण की दर सार्स और इबोला की तुलना में बहुत कम है। इस वायरस से संक्रमण की मृत्यु दर 2 प्रतिशत से अधिक नहीं है। हकीकत तो ये है कि कोरोना वायरस आम सर्दी-जुकाम के ही जैसा एक वायरस का समूह है - बस फर्क इतना है ये कि वायरस काफी नया है - इसलिए इसे 2019 n - cov यानी 2019 का नोवेल कोरोना वायरस कहा गया और इसके सक्रंमण के कारण निमोनिया से मौत हो जाती है - और यह सब होने में 2 सप्ताह से अधिक का समय नहीं लगता । लेकिन हकीकत ये है कि ये वायरस सिर्फ उन्हीं को दबोचता है जो पहले से बीमार हैं - बुजुर्ग हैं - जिनकी इम्यून शक्ति कमजोर है। जिनकी इम्यून शक्ति मजबूत है उनको ये वायरस अगर दबोच भी ले तो वे इससे तेजी से उबर सकते हैं -अपनी मजबूत इम्यून शक्ति के कारण। इसलिए कोरोनावायरस से बचने का सबसे आसान उपाय यही है कि आप खुद को स्वस्थ्य, फिट और सेहतमंद रखें।