महाराष्ट्र की महाभारत की सभापर्व में चल रही पासे के दांव बार-बार पलट रहे हैं। चौसर कभी किसी को चित्त कर रही है तो कभी किसी को दांव पर लगा दे रही है। इस बार बहुत कुछ दांव पर है। एनसीपी की भविष्य दांव पर है तो शिवसेना की साख का भी सवाल है। सियासत के चाचा शरद पवार का पॉवर भी दांव पर है तो भतीजे अजीत पवार का भविष्य दांव पर है। शिवसेना से ज्यादा अब वर्चस्व की जंग में एनसीपी फंसती दिखाई दे रही है। 30 नवंबर वह तारीख है जब दोनों का भविष्य तय होने जा रहा है क्योंकि चाचा ने एक बार फिर से भतीजों को बहुमत साबित करने की चुनौती दी है...