"वैश्विक महामारी घोषित हो चुके कोरोना वायरस को लेकर राजस्थान के मुख्य मंत्री अशोक गहलोत का ताज़ा बयान आया है। सीएम गहलोत ने राज्य सरकार की कोरोना को लेकर जारी अपील को कर्फ्यू के साथ जोड़ दिया है। उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि कोरोना के कहर को देखते हुए राज्य सरकार इसके लिए कर्फ्यू नहीं लगाने जा रही है। लेकिन हाँ, लोगों को खुद कर्फ्यू लगा हुआ जैसा व्यवहार करना होगा। दरअसल, सीएम गहलोत का ये बयान कोरोना के फैलते पैमाने को देखते हुए प्रदेश के धर्मगुरुओं के साथ चिंतन-मनन के बाद सामने आया है।
उन्होंने कहा है कि किसी धार्मिक स्थल पर ताला नहीं लगे, और धर्मगुरुओं के साथ समाजों के नुमाइंदे ऐसा माहौल बनाएं कि श्रद्धालु स्वयं धर्मस्थलों पर नहीं जाएं। उन्होंने इस खतरनाक संक्रमण पर जीत पाने में धर्मगुरुओं से सहयोग की अपील की है। उन्होंने कहा कि सभी के सहयोग से इस महामारी के संक्रमण को सीमित करके लोगों का जीवन बचाया जा सकता है।
सीएम ने ये भी जानकारी दी कि फिलहाल प्रदेश में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है, मगर अगले 2 से 3 सप्ताह तक लोगों को भीड़भाड से दूर रखने की अपील की जाती है। गहलोत ने मुख्यमंत्री कार्यालय में विपक्षी दलों के नेताओं और धर्मगुरूओं तथा विभिन्न समाजों के प्रतिनिधियों के साथ बैठकों में कहा कि यदि प्रदेश की जनता अगले 15-20 दिन तक सामाजिक व्यवहार कम रखेगी और भीड़ वाले स्थानों पर जाने से बचेगी तो हम इस बीमारी से जीत जाएंगे।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इसके लिए कर्फ्यू नहीं लगाएगी, लेकिन लोगों को स्वयं ऐसा व्यवहार करना होगा जैसा कि कर्फ्यू लगा है। किसी धार्मिक स्थल पर ताला नहीं लगे, लेकिन धर्मगुरू और समाजों के पदाधिकारी ऐसा माहौल बनाएं कि श्रद्धालु स्वयं धर्मस्थलों पर नहीं आएं।
इधर, सीएम गहलोत के अनुरोध पर विभिन्न सम्प्रदायों के धर्म गुरूओं और प्रतिनिधियों ने एक संयुक्त अपील जारी की, जिसमें प्रदेश को कोरोना महामारी से बचाने के लिए 31 मार्च तक धार्मिक स्थलों पर एकत्र न होने और यथासम्भव अपने घर पर ही ईश्वर की प्रार्थना करने का संदेश दिया गया है। अपील में कहा गया है कि देश के कई धार्मिक स्थलों पर संबंधित ट्रस्टों ने पहल करके श्रद्धालुओं के धर्म स्थल पर आने पर पाबंदी लगा दी है। आमजन की सुरक्षा को देखते हुए यह कदम उठाए गए हैं।"