आज महाप्रभु वल्लभाचार्य जयंती है। दार्शनिक धरातल पर शुद्धाद्वैत और भक्ति क्षेत्र में पुष्टि या भगवद् नुग्रह मार्ग श्रीवल्लभाचार्य की वृहत्तर देश कहीं जा सकती है। दाक्षिणात्य आध्यात्मिक चिंतन को उत्तर भारत में श्रीकृष्ण भक्ति आन्दोलन की मौलिक व्याख्या के साथ प्रस्तुत कर इन महामना ने मनुष्य जीवन के दैनंदिन कार्यों के निष्पादन के बीच प्रभु भक्ति की ओर मार्गांतरित करने का जो कार्य किया, वह आज भक्तिमार्ग में सबसे अधिक सरल और समस्त प्रेय व श्रेय मार्गों का मार्ग दर्शन करता है।