Ranji Trophy :History of Ranji Trophy, When & How Ranji Trophy Started?|Ranjit Singh |वनइंडिया हिंदी

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The Ranji Trophy is named after one of India’s first test cricketers, Ranjitsinhji, who played for England and Sussex. Largely regional in nature, the Ranji Trophy can be summed up as a domestic first class cricket series played by various regional teams against one another. The series was announced in 1934, and the initial fixtures took place in 1934-35. In fact, the Ranji Trophy over the years has become a breeding ground for some of the best Indian cricketers, who get selected into the Indian national team based on their performance in the Ranji matches.

रणजी ट्रॉफी, भारतीय क्रिकेटरों के लिए इंडिया में जाने का एकमात्र रास्ता. हालंकि, अब आईपीएल के रास्ते भी क्रिकेटर टीम इंडिया में एंट्री ले रहे हैं. लेकिन, भारतीय क्रिकेट के सबसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में अगर खिलाड़ी परफॉर्म करेंगे तभी जाकर उन्हें राष्ट्रीय टीम में जगह मिल सकती है. घरेलू क्रिकेट का सबसे पुराना और सबसे बड़ा टूर्नामेंट भी. वैसे, इंग्लैंड के काउंटी क्रिकेट के बाद ये टूर्नामेंट दुनिया का दूसरा सबसे लोकप्रिय घरेलू टूर्नामेंट है. लोढ़ा समिति के सुधारों के लागू होने के बाद इसमें टीमों की संख्या 28 से बढ़कर 37 हो गई है. खैर, इससे पहले हम आगे बढे, थोड़ा पीछे की बात करते हैं. यानी रणजी ट्रॉफी के इतिहास के बारे में. भारत के पहले टेस्ट क्रिकेटर रणजीत सिंहजी के नाम पर भारतीय घरेलू क्रिकेट के सबसे बड़े आयोजन की शुरूआत 4 नवंबर 1934 में हुई.

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