Satyanarayan vrat katha सत्यनारायण व्रत कथा #satyanarayanvratkatha #सत्यनारायणव्रतकथा

templeyatri 2020-04-20

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श्री सत्यनारायण भगवान की कथा।

हिंदू धर्मावलंबियो के बीच सबसे प्रतिष्ठित व्रत कथा के रूप में भगवान विष्णु के सत्य स्वरूप की सत्यनारायण व्रत कथा है। कुछ लोग मनौती पूरी होने पर, कुछ अन्य नियमित रूप से इस कथा का आयोजन करते हैं। व्रत कथा के अलग-अलग अध्यायों में छोटी कहानियों के माध्यम से बताया गया है। कि सत्य का पालन न करने पर किस तरह की परेशानियां आती है। इसलिए जीवन में सत्य व्रत का पालन पूरी निष्ठा और सुदृढ़ता के साथ करना चाहिए। ऐसा न करने पर भगवान न केवल नाराज होते हैं। अपितु दंड स्वरूप संपति और बंधु बांधवों के सुख से वंचित भी कर देते हैं

The Satyanarayan Puja is a religious worship of the Hindu god Vishnu. Satya means “truth” and narayana means, “The highest being” so Satyanarayan means “The highest being who is an embodiment of Truth”. Vrat or Puja means a religious vow, religious observance, or obligation. Hindus throughout perform Sri Satyanarayan Vrat for the divine blessings of health, wealth, prosperity, opulence, education; relief from troubles and sickness. It can also be performed because of success in business or career growth; during social functions like marriages, house-warming ceremonies, naming of the children and so on.

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