सूबे के सिकंदर में आज बात करेंगे हिंदी के सबसे बड़े व्यंगकार हरिशंकर परसाई की. व्यंग के सरताज हरिशंकर परसाई के लिखे गए व्यंग आज भी शौक से पढ़े जाते है. व्यंग के क्षेत्र में हरिशंकर परसाई ने कई कहनियां रची जिसमें उनकी सबसे ज्यादा पढ़ा गया व्यंग था नर्मदा के तट से. 1947 ंमें उनका पहला लेख छपा, साथ ही जबलपुर से ही उन्होंने अपनी पहली रचना लिखी थी. देखिए हिंदी के सबसे बड़े व्यंगकार हरिशंकर परसाई की कहानी.