उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट 'गोमती रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट' पर आई CAG की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि इस प्रोजेक्ट के काम तत्कालीन सरकार ने अपने पसंदीदा ठेकेदारों को दिया और इसके लिए अखबारों में टेंडर भी नहीं निकलवाए गए. साथ ही रिपोर्ट में बताया गया है कि अखबारों में विज्ञापन के फर्जी कागजात भी बनाए गए कई कामों के लिए ठेके उन कंपनियों को दिए गए जिनके पास काम करने की योग्यता न के बराबर थी. इस प्रोजेक्ट में कुछ ऐसे फर्म भी थें जिन्होंने अपने डॉक्यूमेंट्स तक नहीं जमा कराए