92 मिनट के संबोधन में उन्होंने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देते अनुच्छेद 370 और राज्य के लोगों को विशेषाधिकार देते अनुच्छेद 35-ए को हटाने का प्रमुखता से उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि इस फैसले का विरोध करने वाले से पूछना चाहता हूं कि अगर यह अनुच्छेद इतना जरूरी था, इसी से भाग्य बदलने वाला था तो 70 सालों में (विपक्षी दलों का) बहुमत होने के बावजूद इसे अस्थायी क्यों रखा गया। इसे स्थायी क्यों नहीं किया गया? हम न समस्याओं को टालते हैं, न समस्याओं को पालते हैं. जो काम 70 साल में नहीं हुआ, वह नई सरकार बनने के 70 दिन के भीतर किया गया. संसद के दोनों सदनों ने दो तिहाई बहुमत से इसे पारित कर दिया. राष्ट्र को दिए अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि जनसंख्या विस्फोट रोकने के लिए सामाजिक जागरूकता की आवश्यकता है