Surdas ji was blind since childhood. But he never got disappointed due to his disharmony and he spent all his life in reciting the legends of Lord Krishna, then let us know how the life of Surdas ji is introduced and how Surdas Jayanti is celebrated.
सूरदास जी (Surdas) बचपन से ही अंधे थे। लेकिन वह कभी भी अपनी इस असर्मथता के कारण निराश नहीं हुए और उन्होंने भगवान श्री कृष्ण की लीलाएं सुनाने में ही अपना सारा जीवन व्यतीत कर दिया तो चलिए जानते हैं सूरदास जी का जीवन परिचय और कैसे मनाई जाती है सूरदास जयंती।
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