सात साल, 4 महीने तीन दिन तक मौत को चकमा देते निर्भया के गुनहगारों की ज़िंदगी की जंग आखिर फांसी के फंदे पर झूलने के साथ ही खत्म हो गई। लेकिन फांसी से पहले अंतिम क्षणों में चारों दोषियों ने जेल अधिकारियों के सामने एक-एक पल जिंदगी की भीख मांगी, जेल मैनुअल के मुताबिक दोषियों से नहा कर नए कपड़े पहनने को बोला गया और उनसे अपने-अपने धर्मों के मुताबिक पूजा पाठ के लिए पूंछा गया लेकिन किसी ने कोई जवाब नहीं दिया, नाही चाय नाश्ता खाने की इच्छा ज़ाहिर की, लेकिन हर सेकेंड मौत को नज़दीक आता देख चरों दोषियों में से एक 26 वर्षीय विनय शर्मा, अधिकारियों के पैर पकड़ कर खुद को निर्दोष बताते हुए बिलख-बिलख कर रोने लगा, फांसी घर लेजाते समय विनय ज़मीन पर लेट गया, मरते दम तक विनय की बस एक ही रट था कि मुझे नहीं मरना है मुझे माफ करदो।