बेंगलुरु में आज रहस्यमयी ढंग से तेज आवाज के साथ कंपन महसूस हुआ। इस आवाज से हर कोई सहम गया। आवाज इतनी तीव्र थी कि लोगों को एयरक्राफ्ट गिरने या तूफान की आशंका हुई, लेकिन हैरानी की बात यह है कि यह तेज आवाज और कंपन भूकंप के सिस्मोमीटर तक में दर्ज नहीं हो पाए। इस आवाज का सोर्स क्या है, वैज्ञानिक पता कर रहे हैं। दरअसरल बेंगलूरु के दक्षिण-पूर्वी इलाके में बुधवार दोपहर लगभग 1.30 बजे एक रहस्यमयी तेज आवाज सुनाई दी। जिसे सुनकर लोग दहल गए लेकिन, इस धमाके का कोई सुराग नहीं मिला।
वहीं एजेंसियां इस आवाज के बारे में पता करने में जुटी गई हैं। राज्य के प्राकृतिक आपदा प्रबंधन केंद्र (केएसएनडीएमसी) ने कुछ ही देर बाद साफ कर दिया कि शहर में कोई भूकंप के झटके महसूस नहीं किए गए हैं। केएसएनडीएमसी के निदेशक श्रीनिवास रेड्डी ने कहा कि 'भूकंप की गतिविधि एक क्षेत्र तक ही सीमित नहीं रहेंगी। ये व्यापक रूप से फैल जाएगी। हमने अपने सेंसर की जांच कर ली है और आज भूकंप की कोई गतिविधि दर्ज नहीं की गई है। लोगों के मुताबिक करीब पांच सेकंड तक आवाज गूंजती रही। धमाके की आवाज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, कल्याण नगर, एमजी रोड, मारतहल्ली, व्हाइटफील्ड, सरजापुर, इलेक्ट्रोनिक सिटी से लेकर हेब्बागोड़ी तक सुनाई दी।
पहले अटकल लगाया गया कि यह आवाज किसी सुपरसोनिक विमान के गुजरने से उत्पन्न हुई ध्वनि हो सकती है। हालांकि, वायुसेना ने ऐसे सुपरसोनिक सुखोई की उड़ान के साथ इस आवाज के ताल्लुक की पुष्टि नहीं की है। वायुसेना प्रशिक्षण कमान के मुताबिक कोई विमान इस दौरान कोई विमान उड़ान पर नहीं था। युद्धक विमान बनाने वाली सरकारी कंपनी हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने भी कहा कि उसका कोई विमान इस दौरान उड़ान पर नहीं था। जानकारों का कहना है कि अगर एचएएल या विमान निर्माण से जुड़ी दूसरी एजेंसियां को सुपरसोनिक गति का परीक्षण करना भी हो तो वह शहर की सीमा के बाहर कुछ मानकों के साथ किया जाता है।
वहीं बेंगलूरु के पुलिस आयुक्त भास्कर राव ने कहा कि दोपहर बाद ही ये आवाज आई थी। किसी को पता नहीं चल रहा है कि ये कहां से आई है। लेकिन किसी भी तरह की नुकसान की खबर नहीं है।