गलवान घाटी में झड़प के बाद भारत में चीन के खिलाफ काफी गुस्सा है। चीनी सामानों के बहिष्कार को लेकर कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) खुलकर सामने आया है।
कैट ने चीनी सामान के बहिष्कार के लिए 'भारतीय सामान-हमारा अभिमान' कैंपेन की शुरुआत की है।
कैट ने चीन से आयात होने वाले करीब 3 हजार प्रोडक्ट्स की लिस्ट बनाई है, जिसमें से आज 500 वस्तुओं की लिस्ट जारी की है। इन वस्तुओं के आयात न होने से भारत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
दूसरी ओर, भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष वांग यी से बातचीत के दौरान बुधवार को कहा कि गलवान में जो कुछ भी हुआ वह चीन की प्लानिंग थी। फोन पर बातचीत के दौरान जयशंकर ने कहा- चीन ने जमीनी हालात को बदलने की साजिश की थी। उसकी मंशा तथ्यों को बदलने की है।
जयशंकर ने कहा- गलवान में जो कुछ भी हुआ, वह चीन की सोची-समझी और पूर्वनियोजित रणनीति थी। भारतीय विदेशमंत्री ने कहा- भविष्य की घटनाओं की जिम्मेदारी उसी (चीन) पर होगी। उन्होंने कहा कि इस घटना का द्विपक्षीय संबंधों पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा।
दूसरी ओर, चीन के विदेश मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि मतभेदों से उबरने के लिए दोनों पक्षों को बातचीत और समन्वय का रास्ता अपनाना चाहिए। वांग ने कहा- गलवान घाटी में स्थिति सामान्य होने पर भारतीय सैनिकों ने LAC को पार किया और हमारे सैनिकों को उकसाया।
चीनी विदेशमंत्री ने इस घटना की जांच की मांग की है और कहा है कि जो भी इसके लिए जिम्मेदार है, उसको सजा दी जाए। उल्लेखनीय है कि 15 जून की रात लद्दाख की गलवान घाटी में LAC पर चीन और भारत की सेना में हिंसक झड़प हुई थी।
इस हिंसा में भारत के 20 जवान शहीद हो गए, जबकि चीन की ओर से भी 40 सैनिकों के हताहत होने की खबर है।