मानसून आया करीब, खरीफ फसल की तैयारी में जुटे किसान

Patrika 2020-06-18

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किसी खेत में हो रही जोताई

तो कहीं खेत में डाली जा रही खाद

मानसून आगमन के पहले ही प्रदेश में खरीफ फसल की तैयारी तेज हो गई है। कोई किसान खेतों में रबी फसल के अवशेषों को जलाकर जमीन तैयार कर रहा है तो किसी के खेत में जोताई हो रही है। जमीन की उर्वरकता बढ़ाने के लिए किसान खेतों में गोबर खाद डाल रहे हैं। मानसून पूर्व खेतों में जुताई के लिए खेत सुधारने का काम शुरू हो गया है। आपको बता दें कि प्रदेश में परंपरागत और आधुनिक दोनों तरह से फसल ली जाती है। सुविधा संपन्न किसान ट्रैक्टर व अन्य कृषि यंत्रों का जमकर उपयोग करते हैं। गांव में मेड़ बनाने, खेत सफाई का कार्य पखवाड़े भर से शुरू हो चुका है। कई किसान तो खेत में खाद भी डालने लगे हैं। सप्ताह भर के भीतर दो बार हुई बारिश से मिट्टी में नमी है। किसानों का कहना है कि बारिश होने का इंतजार है। खेत तैयार होने के बाद अच्छी बारिश होते ही खुर्रा बोनी कर दी जाएगी।

कहीं. कहीं खरीफ फसल की बुवाई भी शुरू हो गयी है, जबकि पिछले साल इस समय तक खरीफ फसल शुरुआत नहीं हो सकी थी। पिछले दिनों से ही किसानों की टकटकी आसमान की ओर लगी थी। आषाढ़ माह के पहले सप्ताह बारिश नहीं होने से किसान परेशान दिख रहे थे लेकिन अब बारिश होने से किसानों में उत्साह है।

हर साल बढ़ रही लागत
किसानों का कहना है कि ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, थ्रेसर आधुनिक मशीनों के आ जाने से मजदूरों पर निर्भरता काफी हद तक कम हो गई है। खेती करना पहले से सरल जरूर हो गया है, लेकिन लागत भी काफी हद तक बढ़ गई है। ट्रैक्टर की बहु उपयोगिता ने परंपरागत खेती के ढर्रे को पीछे छोड़ दिया है। 1 से 2 घंटे में मताई, मिंजाई का हो जाता है। यही वजह है कि अनेक लोग इसका उपयोग करने लगे हैं। समय से दवा का छिड़काव न हो, तो तैयार फसल भी खराब हो जाती है इसलिए किसानों को दवा और बीज की दुकानों पर देखे जा सकता है।
खेतों की सफाई और जुताई में जुटे किसान
मानसून के नजदीक आते ही किसानों ने खरीफ फसल के लिए खेतों की सफाई और जुताई शुरू कर दी है। इस सीजन अच्छी बारिश की उम्मीद जताई जा रही है। किसानों ने खेतों में जुताई कर खाद आदि डालना शुरू कर दिया है। खरीफ की फसलों में बाजरा, मूंग, मोठ, ज्वार,ग्वार, तिलहन, अरंडी अन्य फसलें उगाई जाती है। किसान कल्याण माली,रमेश नागर, प्रकाश नागर ,रमेश माली,रामपाल नागर आदि का कहना है कि किसान मानसून के साथ जुआ खेलते हैं। मानसून ठीक रहने से खेती अच्छी होती है। शुरू के रोहिणी नक्षत्र में वर्षा नहीं होने से केवल खेत की जुताई ही हुई थी। मृगशिरा नक्षत्र में मानसून प्रवेश कर गया है। हम सब उत्साहित हैं। खेती के लिए पूरा परिवार जुट गया है। मृगशिरा नक्षत्र 21 जून तक रहेगा। इसके बाद 22 जून से आद्र्रा नक्षत्र का प्रवेश होना है।

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