आज अंतरराष्ट्रीय प्लास्टिक बैग्स मुक्त दिवस है. प्लास्टिक बैग्स यानी पॉलिथीन की थैलियां विक्रेताओं और उपभोक्ताओं दोनों में ही काफी लोकप्रिय है. इसकी बड़ी वजह इनका मजबूत सस्ता और हल्का होना है. प्लास्टिक बैग वर्तमान समय में हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन गए हैं, किंतु यह प्रदूषण पैदा करने ,वन्य जीवन को खत्म करने और पृथ्वी के प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करने के लिए जिम्मेदार है. एक अध्ययन के मुताबिक विश्व में हर साल 500 खरब प्लास्टिक बैग इस्तेमाल में आते हैं और इसमें भी सबसे ज्यादा भारत में ही प्लास्टिक बैग्स उपयोग में आते हैं. वैज्ञानिकों के अनुसार एक प्लास्टिक बैग को विघटित गठित होने में लगभग 1000 साल का समय लगता है. इसलिए हर साल पृथ्वी पर प्लास्टिक कचरा बढ़ता जा रहा है जो सिर्फ दिवस मनाने से खत्म नहीं होगा. हम सब को जागरूक होना होगा और प्लास्टिक का उपयोग कम से कम करना होगा. प्लास्टिक के विकल्प के रूप में जूट या कपड़े से बने थैलों को काम में लेना होगा. हल्की वस्तुएं ले जाने के लिए कागज के लिफाफे भी हम काम में ले सकते हैं .जब तक हम लोग जागरूक नहीं होंगे, तब तक प्लास्टिक बैग्स मुक्त हम इस दुनिया को नहीं कर पाएंगे. देखिए इस मुद्दे पर कार्टूनिस्ट सुधाकर की नजर.