राज्य को बनाने थे आदर्श मदरसे, केंद्र पर डाली जिम्मेदारी

Patrika 2020-07-11

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जयपुर। राज्य में चल रहे मॉडल स्कूल की तर्ज पर राज्य में 500 मॉडल मदरसा भी संचालित होने थे, लेकिन बजट को लेकर यह योजना फिलहाल ठंडे बस्ते में है। मदरसों में पढ़ रहे बच्चों को अंग्रेजी माध्यम और आधुनिक शिक्षा से जोड़ने के उद्देश्य से बनाई गई योजना अपना मूर्त रूप नहीं ले सकी है। राज्य सरकार का कहना है ​कि इस मॉडल मदरसों के प्रस्ताव को केंद्र सरकार की मंजूरी नहीं मिली है। अधिकारियों का कहना है कि केंद्र की स्कीम फॉर प्रोवाइडिंग क्वालिटी एजुकेशन इन मदरसा के तहत इसके लिए चयनित मदरसों के प्रस्ताव पर बजट मिलना था। जबकि मदरसा बोर्ड की वेबसाइट पर इस योजना की जानकारी में इसे राज्य सरकार की योजना बताया गया है। इसमें केंद्र की कोई हिस्सेदारी नहीं बताई गई।

राज्य सरकार ने की थी घोषणा
राजस्थान सरकार की बजट 2018—19 में इस योजना की घोषणा की गई थी। इसके मुताबिक ए श्रेणी के चयनित 500 मदरसों को आदर्श मदरसा बनाया जाएगा। ए श्रेणी का मतलब वे मदरसे, जिनके पास अपनी इमारत है। इनके आ​धुनिकीकरण के लिए 25 करोड़ 18 लाख रुपए की घोषणा की गई थी। योजना के अनुसार चयनित 500 पंजीकृत मदरसों में से भी उत्कृष्ठ मदरसों को आदर्श की श्रेणी में बदला जाएगा। इन आदर्श मदरसों को निर्धारित बजट के अनुसार डीओआईटी के माध्यम से ई क्लासेज के लिए उपकरण मुहैया कराया जाना है। साथ ही मदरसों में अध्ययनरत छात्र—छात्राओं को निशुल्क ड्रेस, जूते, स्वेटर उपलब्ध करवाना था। वहीं खेलकूद की गतिविधियों के लिए भी आदर्श मदरसों में सुविधाएं मुहैया सरकार को करवानी थी।

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