सद्गुरु बता रहे हैं कि हमारा मन लगातार चलता क्यों रहता है। “विचारशून्यता” और “विचारहीनता” जैसे शब्दों, जिनका एक लंबे अरसे से प्रयोग किया जाता रहा है, का ज़िक्र करते हुए सद्गुरु पूछते हैं कि लाखों सालों के विकास के बाद मिले इस शानदार मन को कोई रोकना क्यों चाहेगा। वे याद दिलाते हैं कि मन समस्या नहीं है, समस्या बस इतनी है कि मन “अपनी खुद की कहानियां” बताते रहता है।
Answering a question on How to Stop the Mind, Sadhguru says that Thoughtlessness, No Mind - these kinds of terms have been badly misunderstood and people are striving how to stop the mind. He says it has taken millions of years of evolution to get a mind of this kind of capability, and asks why anyone would want to stop it? If your mind was constantly producing absolute pleasantness for you, would you think how to stop this mind?
एक योगी, युगदृष्टा, मानवतावादी सद्गुरु, एक आधुनिक गुरु हैं, जिनको योग के प्राचीन विज्ञान पर पूर्ण अधिकार है। विश्व शांति और खुशहाली की दिशा में निरंतर काम कर रहे सद्गुरु के रूपांतरणकारी कार्यक्रमों से दुनिया के करोडों लोगों को एक नई दिशा मिली है। दुनिया भर में लाखों लोगों को आनंद मार्ग में दीक्षित किया गया है।