हरियाणा से हथियारों की खेप लाने का अंदेशा!
- थानेदार की जवाबी फायरिंग में आरोपी के घायल होने का मामला
- जांघ व पीठ में लगी दोनों गोलियां निकली थी आर-पार, ऑपरेशन के बाद हालत में सुधार
जोधपुर.
ओसियां थानान्तर्गत चण्डालिया गांव के पास पुलिस की जवाबी फायरिंग में आरोपी की जांघ और पीठ के ऊपर लगी दोनों गोलियां आर-पार निकल गई थी। गोलियों के शरीर में न रहने से आरोपी की जान बच गई। मथुरादास माथुर अस्पताल में सोमवार देर रात उसकी जांघ में लगी गोली का ऑपरेशन किया गया। अब उसकी हालत खतरे से बाहर बताई जाती है।
सूरसागर थानाधिकारी किशनलाल का कहना है कि गगाड़ी निवासी प्रेम खोथ उर्फ प्रेमाराम जाट शातिर अपराधी है। वह हर समय अपने पास हथियार रखता है। वह हथियारों की खरीद-फरोख्त में भी लिप्त हो सकता है। गत दस जुलाई को पाबू मगरा में चरवाहे से मारपीट व फायरिंग के बाद उसकी तलाश की जा रही थी।
पुलिस को सूचना मिली थी कि वह हरियाणा से कुछ हथियार लेकर आया है और यहां के बदमाशों को बेचने की फिराक में है। उसके नारवा-इन्द्रोका में होने की सूचना पर पुलिस ने पकडऩे का प्रयास किया था, लेकिन वह भाग निकला था व चण्डालिया के पास पुलिस पर तीन गोलियां चला दी थी। जवाबी फायरिंग में वह घायल हो गया था।
जानलेवा हमले के दो और मामले दर्ज
पुलिस पर फायरिंग करने के संबंध में एसआई भंवरसिंह ने ओसियां थाने में प्रेम खोथ पर जानलेवा हमला, आम्र्स एक्ट व राजकार्य में बाधा डालने का मामला दर्ज कराया। वहीं, पाबू मगरा में चरवाहा जगदीश नाथ की तरफ से बकरियों को जबरन ले जाने की बात पर मारपीट और फायरिंग कर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया। उसके खिलाफ पहले से पांच मामले दर्ज हैं।
कांस्टेबल के पास से गोली निकली तो किए फायर : एसआइ
कमाण्डो प्रशिक्षण प्राप्त उप निरीक्षक भंवरसिंह का कहना है कि प्रेमाराम के हथियारों से लैस होने की सूचना पर थाने के तीन सिपाहियों के साथ पकडऩे गए थे, लेकिन बोलेरो कैम्पर में सवार प्रेमाराम भाग गया था। चण्डालिया के पास उसने चलते वाहन से पुलिस पर गोली चलाई थी। उसे रूकने की चेतावनी दी गई थी, लेकिन फिर वह रूका नहीं। उसने एक और गोली चला दी थी। जो कांस्टेबल के पास से होकर निकली थी। गनीमत रही कि वह बच गया। तब सरकारी पिस्तौल से गोली चलाकर बोलेरो कैम्पर का टायर फोड़ा गया था। वह नीचे उतरकर भागने लगा। तीन-चार किमी तक पीछा करने पर आरोपी ने एक और गोली चला दी थी। आखिरकार उसे रोकने के लिए मजबूरन दो गोलियां चलाईं गईं थी। एक गोली जांघ में और दूसरी पीठ के पास लगी थी।