कोरोना काल में जहां एक तरफ लोग अपनों का शव लेने से भी इंकार करते नजर आ रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ भोपाल की रहनेवाली हीराबुआ इंसानियत की मिसाल बन गई हैं. जिनका कोई नहीं है हीराबुआ उन्हें सहारा दे रही है. जिनका अंतिम संस्कार कोई नहीं करता उनका अंतिम सस्कार हीराबुआ करती हैं.