जयपुर। भगवान शिव को समर्पित श्रावण मास का हर सोमवार बेहद खास होता है, लेकिन इस बार श्रावण का तीसरा सोमवार विशेष फलदायी होगा। जी, हां वो इसीलिए भी इस दिन हरियाली अमावस्या है और कहते हैं इस दिन पौधरोपण करने से शुभ फल मिलता है।
ज्योतिषविदों के मुताबिक सन 2000 के बाद 19 साल बाद इस बार श्रावण मास में हरियाली अमावस्या आ रही है। सोमवार होने से सोमवती अमावस्या व हरियाली अमावस्या दोनों एक साथ विशेष योग संयोगों के बीच मनाई जाएगी। दान—पुण्य और पेड़ पौधों की पूजा के लिहाज से इस दिन हर्षण योग, पुनर्वसु नक्षत्र, श्रावण सोमवार हाेने ने अमावस्या खास होगी। ज्योतिषाचार्य पं.रवि शर्मा ने बताया कि इस दिन पाैधराेपण करने से ग्रह दाेष शांत हाेते हैं। अमावस्या तिथि का संबंध पितृों से भी माना गया है। भोलेनाथ, भगवान विष्णु की पूजा के साथ—साथ पीपल, तुलसी की पूजा विशेष फल देने वाली होगी। इस साल हरियाली अमावस्या के दिन चंद्र, बुध, गुरु, शुक्र और शनि ग्रह अपनी-अपनी राशियों में रहेंगे। हरियाली अमावस्या के दिन पौधरोपण से पितर भी तृप्त होते हैं, यानी इस दिन पौधे लगाने से प्रकृति और पुरुष दोनों ही संतुष्ट होकर मनुष्य को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। यह भारतीयों का पर्यावरण को समर्पित दिवस माना जा सकता है...इसलिए इस दिन एक पौधा लगाना शुभ माना जाता है।
ज्योतिष शास्त्र में प्रत्येक ग्रह के दुष्परिणाम को कम करने एवं प्रभाव को अनुकूल बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधों का उल्लेख किया है। जैसे क्रूर ग्रह सूर्य शनि व मंगल ग्रह के लिए खट्टे व कड़वे पेड़ तो सौभ्य ग्रह चंद्र, गुरू व शुक्र के लिए मीठे पौधे लगाए जा सकते है। जैन ने बताया कि पेड़ पौधे लगाने के लिए रविवार, सोमवार, गुरूवार और शुक्रवार का दिन, पुष्य नक्षत्र, सर्वाथसिद्धि, अमृतसिद्धि योग में सुबह लगाना उचित होगा।