The vagaries of life can rock our world in many ways, more so for those with disabilities. But Major (retired) DP Singh doesn’t think so. An army veteran, he lost his leg in the Kargil war of 1999, and is now India’s first blade runner, who says disability should actually be understood as “this ability.”
साहस, शौर्य, जज्बा, जुनून और जिंदगी ये तमाम शब्द जिस शख्स पर पूरी तरह फिट बैठता है उस शख्स का नाम है मेजर देवेंद्र पाल सिंह उर्फ डीपी सिंह. जी हां...वही मेजर डीपी सिंह जिन्हें कारगिल युद्ध के दौरान शहीद मान लिया गया था. लेकिन वो फिर जिंदा हो उठे. 13 जुलाई 1999 को डीपी सिंह जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में सरहद पर बनी एक पोस्ट संभाले हुए थे। तभी दुश्मनों ने दो मोर्टार दागे। पहले से तो वो बच गए लेकिन दूसरा ठीक उनके बगल में आ गिरा। वो बुरी तरह घायल हो गए। उनका एक पैर बुरी तरह जख्मी हो चुका था. उसके बाद अखनूर अस्पताल में डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। लेकिन कहते हैं न जाको राखे साइयां मार सके न कोय।
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