बौद्ध धर्म का जन्म कैसे हुआ ? (भाग - २)

PRATEEKPATEL 2020-07-29

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Buddha Dharma Part 2
सनातन धर्म में बुद्ध एक ग्रह है। बृहस्पति और तारा पति पत्नी थे। चंद्र और तारा के अवैध सम्बन्ध से बुद्ध का जन्म हुआ था। तारा सच्चे उत्साह और परम सुख का प्रतिक है और चंद्र इच्छा के प्रतिक है। ईश्वर को पाने की इच्छा भी एक इच्छा है। सत्य को पाने की इच्छा भी एक इच्छा है। जब ऐसी इच्छा परम सुख को प्राप्त करना चाहती है तब बुद्ध का जन्म होता है । कपिल मुनि "समख्य शिक्षा" के शिक्षक थे।

मैंने सिद्धार्थ गौतम बुद्ध के नाम का अर्थ समझाया है कि इस नाम का क्या मतलब है।

पैगम्बर मुसा अपने लोगो को ले कर प्रॉमिस्ड लैंड ( ईश्वर द्वारा दिखाई गयी जगह ) के मुहाने तक पहुंच गए। सभी जासूसों ने आकर गलत खबर दी कि इस जगह पर कुछ भी नहीं है, बंजर जमीन है और आदमखोरों से भरी है। परन्तु जोशुआ और सालेब ने कहा कि मुसा सच कह रहे है। तोराह की ये प्रॉमिस्ड लैंड, बुद्ध धर्म में अमिताभ बुद्ध द्वारा दर्शायी गयी "प्योर लैंड" शिक्षा ही है।

५०० ईशा पूर्व के आस पास ही चीन में "सुन वुकॉंग" नामक वानर जगा था। यह हनुमान जी जैसा प्रतीत होने वाला बन्दर त्रिपातका के साथ बुद्धसूत्र लेने भारत की ओर निकला था।

मयूर सभ्यता एक कठिन धर्म था। अब्राहम ने अपने पुत्र इसाक को मौर्य परबत पर ही बलि चढ़ाना चाहता है।

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