जयपुर। श्रावण मास में आज शनिवार और प्रदोष के संयोग में शिवालयों में भोलेनाथ की आराधना की गई। कोरोना संक्रमण के चलते शहर के प्राचीन शिवालयों में भक्तों की आवजाही पूर्णतया निषेध रही। महंत और पुजारियों की मौजदूगी में भोलेनाथ का अभिषेक कर पूजा अर्चना की गई। चौड़ा रास्ता स्थित ताड़केश्वर महादेव मंदिर में मंदिर सेवकों ने पूजा अर्चना की। शाम को विशेष झांकी सजाई गई। वैशालीनगर क्वींस रोड स्थित झाडखंड़ महादेव मंदिर में शाम को विशेष झांकी सजाई गई। हलवाई समिति जड़ियों का रास्ता मीठेश्वर महादेव मंदिर में पंडित दीपक व्यास के सान्निध्य में भोलेनाथ की विशेष झांकी सजाई गई। जौहरी बाजार स्थित जागेश्वर मंदिर में भोलेनाथ की मनमोहक झांकी सजाई गई। धूलेश्वर गार्डन स्थित धूलेश्वर महादेव मंदिर, दूध मंडी स्थित चमत्कारेश्वर महादेव मंदिर, बनीपार्क स्थित जंंगलेश्वर महादेव मंदिर सहित सभी मंदिरों में पुजारियों ने भोलेनाथ की पूजा—अर्चना कर कोरोना मुक्ति् की कामना की।
ज्योतिषाचार्य पंडित सुरेश शास्त्री ने बताया कि शिवपुराण के अनुसार शिवजी की प्रिय तिथि होने से प्रदोष में की गई शिव पूजा का विशेष फल मिलता है। ज्योतिषविदों के मुताबिक इससे पूर्व श्रावण मास में दोनों पक्षों में शनि प्रदोष की युक्ति वर्ष 2010 में 7 अगस्त व 21 अगस्त 2010 में आई थी। अगली बार यह संयोग 2027 में जुलाई, अगस्त में आएगा। यह खास संयोग भगवान भोलेनाथ की पूजा, शनि की पीड़ा से मुक्तिदायी है। भगवान भोलेनाथ की सबसे प्रिय तिथि प्रदोष शनिवार को आ जाए तो यह दिन और विशेष फलदायी माना गया है। दान पुण्य के लिहाज से इस साल एक ही मास में दो बार श्रावण, प्रदोष तिथि और शनिवार का संयोग बना है। इससे पूर्व 18 जुलाई को यह संयोग बना था।