जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद को हटाए एक साल पूरा हो चुका है. इस दौरान केंद्र में सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी कश्मीर घाटी में अपनी जड़ें जमाने की कोशिश कर रही है लेकिन उसके नेताओं पर लगतार जानलेवा हमले हो रहे हैं. दिसंबर 2018 में पंचायत चुनाव होने के बाद कम से कम चार बीजेपी नेताओं को आतंकी घाटी में निशाना बना चुके हैं.
गुरुवार की सुबह कुलगाम बीजेपी के उपाध्यक्ष और सरपंच सज्जाद अहमद खांडे की हत्या कर दी गई. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सज्जाद अहमद खांडे को आतंकियों ने उनके घर के बाहर बेहद क़रीब से गोली मारी. ज़ख़्मी हालत में उन्हें अस्पताल ले जाया गया लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी.
इस वारदात से कुछ घंटे पहले मंगलवार को एक सरपंच आरिफ़ अहमद को आतंकियों ने कुलगाम में ही गोली मारी थी. आरिफ़ अहमद को गोली सीने में लगी है और उनकी हालत नाज़ुक बनी हुई है. घाटी में आतंकियों ने बीजेपी नेताओं को उस वक्त निशाना बनाया जब अनुच्छेद 370 को ख़त्म करने की पहली वर्षगांठ थी. माना जा रहा है कि आतंकियों के ख़ौफ़ के चलते घाटी में बीजेपी नेताओं ने पहली वर्षगांठ पर कोई प्रोग्राम नहीं किया.