PFI बाबरी मुद्दे को जोर-शोर से उठाती रही है. पीएफआई ने पांच अगस्त को भूमिपूजन के बाद ज़हर उगला था. भूमिपूजन के बाद पीएफआई के अकाउंट से कई ट्वीट किए गए थे. 4 अगस्त को PFI ने बाबरी को लेकर प्रेस रिलीज जारी कर कहा था कि बाबरी को यादों से निकलने न दें. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड रिव्यू पिटीशन दाखिल करे. क्या SDPI-PFI जैसे दूसरे संगठनों को भी बैन करना चाहिए? दीपक चौरसिया के साथ देखिये #DeshKiBahas...
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