In the contempt of court, senior advocate Prashant Bhushan has been convicted by the Supreme Court. Now on Thursday, the sentence was heard. The court gave him two days to reconsider his written statement in Thursday's hearing. So let us tell you what happened about this petition in the court on Thursday.
कोर्ट की अवमानना केस में वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण को सुप्रीम कोर्ट ने दोषी माना है. अब गुरुवार को सजा पर सुनवाई हुई. कोर्ट ने उन्हें गुरुवार की सुनवाई में उन्हें अपने लिखित बयान पर पुनर्विचार करने के लिए दो दिन का वक्त दिया है. तो चलिए हम आपको बताते है कि गुरुवार को कोर्ट में इस याचिका को लेकर क्या क्या हुआ.
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